RBI ने 10, 20, 100 और 500 के नोटों के लिए जारी की नई गाइडलाइंस! जानें क्या हैं बदलाव? RBI New Notes Rules

By Shruti Singh

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भारतीय रिजर्व बैंक का महत्वपूर्ण निर्णय

भारतीय रिजर्व बैंक ने देश की मुद्रा व्यवस्था को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से दस, बीस, सौ और पांच सौ रुपये के नोटों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। यह नए नियम नवंबर 2025 से प्रभावी हो गए हैं। इन दिशानिर्देशों का मुख्य लक्ष्य नकली नोटों की समस्या पर अंकुश लगाना और नकद लेनदेन को अधिक सुरक्षित बनाना है। हालांकि नोटों के डिजाइन में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं किया गया है लेकिन इनके संचालन और वितरण से जुड़े नियमों को काफी सख्त बना दिया गया है।

नई गाइडलाइंस की मुख्य विशेषताएं

नई गाइडलाइंस के अंतर्गत सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन यह है कि अब नोटों पर आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर होंगे जो दिसंबर 2024 में इस पद पर नियुक्त हुए थे। नोटों का डिजाइन महात्मा गांधी नई शृंखला के समान ही रहेगा जिससे आम जनता के लिए इन्हें पहचानना और उपयोग करना आसान रहेगा। सुरक्षा के दृष्टिकोण से नोटों में तकनीकी सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया गया है ताकि नकली नोटों की पहचान आसानी से की जा सके। यह कदम देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की दिशा में उठाया गया है क्योंकि नकली नोटों से पूरी आर्थिक व्यवस्था प्रभावित होती है।

बैंकों और एटीएम के लिए नए निर्देश

रिजर्व बैंक ने बैंकों और एटीएम संचालकों को निर्देश दिया है कि वे मई 2025 तक पचहत्तर प्रतिशत से अधिक एटीएम में दस, बीस और सौ रुपये के छोटे नोट अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं। इस निर्णय से आम जनता को काफी सुविधा होगी क्योंकि अक्सर एटीएम से केवल बड़े नोट मिलते हैं जिससे छुट्टे पैसों की समस्या उत्पन्न होती है। छोटे मूल्य के नोटों की उपलब्धता बढ़ने से दैनिक लेनदेन में आसानी होगी और बड़ी राशि के नोटों पर निर्भरता भी कम होगी। इसके साथ ही बैंकों को नकदी प्रबंधन के लिए भी विशेष निर्देश दिए गए हैं ताकि नकदी का प्रवाह नियंत्रित रहे।

नकद लेनदेन में पारदर्शिता

नई गाइडलाइंस में नकद लेनदेन को अधिक पारदर्शी बनाने पर विशेष जोर दिया गया है। अब पचास हजार रुपये से अधिक के नकद लेनदेन में वैध दस्तावेज दिखाना अनिवार्य होगा। यह नियम काले धन पर नियंत्रण और वित्तीय अनुशासन बढ़ाने के उद्देश्य से लागू किया गया है। नोटों को बदलने या बैंक में जमा करने के नियमों को भी कड़ा कर दिया गया है ताकि नकली नोट बैंकिंग प्रणाली में प्रवेश न कर सकें। बैंकों को सुरक्षित नोट वितरण और उनकी ट्रैकिंग की जिम्मेदारी दी गई है जिससे पूरी प्रक्रिया में जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।

पुराने नोटों की वैधता

जनता के मन में यह सवाल उठ सकता है कि क्या पुराने नोट अब चलेंगे या नहीं। इस संबंध में स्पष्ट किया जाता है कि पुराने नोट पूरी तरह से वैध बने रहेंगे और उनके उपयोग में कोई रुकावट नहीं आएगी। नए नोट धीरे धीरे पुरानी मुद्रा का स्थान लेंगे लेकिन इसके लिए किसी प्रकार की जल्दबाजी या चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। यह परिवर्तन एकदम से नहीं बल्कि क्रमिक रूप से होगा जिससे आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।

योजना के दूरगामी प्रभाव

इन नई गाइडलाइंस से नकद लेनदेन अधिक सुरक्षित और अनुशासित बनेगा। नकली नोटों की समस्या पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित होगा और आम लोग नोटों के नए संस्करण के प्रति जागरूक होंगे। छोटे नोटों की उपलब्धता में वृद्धि से दैनिक लेनदेन में सुविधा होगी और बैंकिंग प्रणाली में लेनदेन की पारदर्शिता बढ़ेगी। यह पूरी व्यवस्था देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और वित्तीय अनुशासन स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी।

अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। आरबीआई की नोट गाइडलाइंस से संबंधित नवीनतम और आधिकारिक जानकारी के लिए कृपया भारतीय रिजर्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या अपने नजदीकी बैंक शाखा से संपर्क करें। नियमों और दिशानिर्देशों में समय के साथ परिवर्तन हो सकता है इसलिए किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि अवश्य कर लें।

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