पीएम विश्वकर्मा योजना: ₹15,000 का टूलकिट मिलना शुरू, जानें कैसे करें ऑर्ड PM Vishwakarma Tool Kit 2025

By Shruti Singh

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भारत सरकार ने देश के पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम शुरू किया है। यह योजना सितंबर 2023 में विश्वकर्मा जयंती के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की गई थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन कुशल कामगारों को मदद प्रदान करना है जो अपने हाथों के हुनर से जीविका चलाते हैं लेकिन आधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षण की कमी के कारण अपनी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं कर पाते। अब तक एक करोड़ से अधिक कारीगर इस योजना का लाभ उठा चुके हैं और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव अनुभव कर रहे हैं।

योजना के व्यापक लक्ष्य और दृष्टिकोण

इस कार्यक्रम का प्राथमिक लक्ष्य पारंपरिक कौशल को आधुनिक तकनीक से जोड़ना है। देश में अठारह विभिन्न प्रकार की पारंपरिक कारीगरी से जुड़े लोगों को इस योजना में शामिल किया गया है। इनमें लकड़ी का काम करने वाले बढ़ई, सोने-चांदी के आभूषण बनाने वाले सुनार, मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार, चमड़े का काम करने वाले शिल्पकार, लोहे के औजार बनाने वाले लोहार, जूते बनाने वाले मोची और मूर्तिकार जैसे विभिन्न पेशे शामिल हैं। सरकार का मानना है कि इन कारीगरों को सही मार्गदर्शन और संसाधन मिलने से न केवल उनकी आय बढ़ेगी बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत भी संरक्षित रहेगी।

प्रशिक्षण और कौशल विकास की व्यवस्था

योजना के अंतर्गत चयनित लाभार्थियों को पांच से सात दिन का बुनियादी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। यह प्रशिक्षण व्यावहारिक और सैद्धांतिक दोनों पहलुओं को समाहित करता है जिससे कारीगर अपने काम में नई तकनीकों को आसानी से अपना सकें। जो कारीगर और उन्नत प्रशिक्षण लेना चाहते हैं, उनके लिए पंद्रह दिन का विस्तृत कोर्स भी उपलब्ध है। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन पांच सौ रुपये का मानदेय भी दिया जाता है ताकि कारीगरों को आर्थिक परेशानी न हो और वे पूरे ध्यान से सीख सकें। यह मानदेय विशेष रूप से उन कारीगरों के लिए महत्वपूर्ण है जो दैनिक मजदूरी पर निर्भर रहते हैं।

पंद्रह हजार रुपये का उपकरण पैकेज

प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद लाभार्थियों को पंद्रह हजार रुपये मूल्य का उपकरण पैकेज इलेक्ट्रॉनिक वाउचर के माध्यम से प्रदान किया जाता है। यह वाउचर छह महीने तक वैध रहता है और जरूरत पड़ने पर इसकी वैधता बढ़ाई भी जा सकती है। कारीगर इस वाउचर का उपयोग करके अपने काम से संबंधित आवश्यक उपकरण और औजार खरीद सकते हैं। वाउचर की मदद से वे ऑनलाइन या अधिकृत विक्रेताओं से अपनी जरूरत के अनुसार उपकरण मंगवा सकते हैं। यह व्यवस्था पारदर्शिता सुनिश्चित करती है और कारीगरों को उच्च गुणवत्ता के उपकरण प्राप्त करने में मदद करती है।

बिना गारंटी के ऋण सुविधा

योजना की एक अनूठी विशेषता यह है कि कारीगरों को अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए एक से दो लाख रुपये तक का ऋण बिना किसी गारंटी के उपलब्ध कराया जाता है। इस ऋण पर ब्याज दर केवल पांच प्रतिशत रखी गई है जो बाजार दर से काफी कम है। यह सुविधा उन कारीगरों के लिए वरदान साबित हो रही है जो अपना काम बढ़ाना चाहते हैं लेकिन पूंजी की कमी के कारण ऐसा नहीं कर पाते। सस्ती दर पर मिलने वाला यह ऋण छोटे कारीगरों को स्वरोजगार में आत्मनिर्भर बनने का अवसर देता है।

डिजिटल पहचान और मान्यता

प्रशिक्षण पूर्ण होने पर लाभार्थियों को आधिकारिक प्रमाण पत्र और पहचान पत्र प्रदान किया जाता है। यह डिजिटल प्रमाण पत्र कारीगरों को एक आधिकारिक मान्यता देता है जो अन्य सरकारी योजनाओं और रोजगार के अवसरों में उपयोगी होता है। इस पहचान पत्र से कारीगरों को समाज में सम्मान भी मिलता है और वे अपने काम को अधिक विश्वास के साथ कर पाते हैं।

योजना में शामिल होने की प्रक्रिया

इस योजना का लाभ उठाने के लिए अठारह से साठ वर्ष की आयु के कारीगर पात्र हैं। पंजीकरण की प्रक्रिया बेहद सरल है और इसे सरकारी पोर्टल या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। आवेदन के लिए आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक खाते की जानकारी आवश्यक है। पंजीकरण के बाद कारीगर को प्रशिक्षण में भाग लेना होता है और फिर सभी लाभों का उपयोग करने का अवसर मिलता है।

कारीगरों के जीवन में बदलाव

यह योजना केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है बल्कि यह पारंपरिक कारीगरों को समाज की मुख्यधारा में लाने का एक सशक्त माध्यम है। आधुनिक उपकरणों और नए कौशल से लैस होकर कारीगर बेहतर उत्पाद बना रहे हैं और अधिक आय अर्जित कर रहे हैं।


अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। पीएम विश्वकर्मा योजना की पात्रता, लाभ राशि, प्रशिक्षण अवधि और अन्य नियम समय-समय पर बदल सकते हैं। विभिन्न राज्यों में कार्यान्वयन प्रक्रिया में भिन्नता हो सकती है। योजना में आवेदन करने से पूर्व कृपया आधिकारिक सरकारी वेबसाइट पर जाकर या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर से संपर्क करके नवीनतम और सटीक जानकारी अवश्य प्राप्त करें। योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की गलत या अधूरी जानकारी के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे। केवल आधिकारिक सरकारी स्रोतों की जानकारी पर ही भरोसा करें।

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