देश के करोड़ों किसानों के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक बड़ी खुशखबरी आई है। सरकार ने किसानों पर बिजली बिल के भारी बोझ को कम करने और खेती को सस्ती और साफ ऊर्जा से जोड़ने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना शुरू की है। यह योजना दरअसल प्रसिद्ध कुसुम योजना का एक अहम हिस्सा है। इस योजना के तहत अब किसान बहुत कम शुल्क देकर सोलर पैनल लगवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। सोलर पैनल लगाने की कुल लागत का बड़ा हिस्सा सरकार खुद सब्सिडी के रूप में देगी। यह योजना खासतौर पर उन किसानों के लिए तैयार की गई है जो अपने खेतों की सिंचाई के लिए महंगे डीजल या अनियमित बिजली पर निर्भर रहते हैं।
कुसुम योजना का परिचय
प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना भारत सरकार की कुसुम योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कुसुम का मतलब है किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से खेती में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के अंतर्गत किसानों के खेतों में आधुनिक और उच्च क्षमता वाले सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इन सोलर पैनलों की मदद से किसान अपने ट्यूबवेल, पंपसेट और दूसरे कृषि उपकरणों को बिना किसी रुकावट के चला सकेंगे। सरकार का दावा है कि इस योजना के सही इस्तेमाल से किसानों का मासिक बिजली बिल लगभग शून्य हो जाएगा।
बहुत कम लागत में सोलर पैनल
अब बात करते हैं उस विषय की जो किसानों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है। वह है कम लागत में सोलर पैनल लगवाने का मौका। असलियत यह है कि सरकार ने इस योजना को एक खास सब्सिडी मॉडल पर तैयार किया है जिससे किसानों पर कोई भारी आर्थिक बोझ न पड़े। इस व्यवस्था में कुल लागत का सबसे बड़ा हिस्सा केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर सब्सिडी के रूप में देती हैं। पूरे खर्च का विभाजन इस तरह है कि साठ प्रतिशत लागत केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर सब्सिडी के रूप में देती हैं। इसके बाद तीस प्रतिशत राशि बैंक द्वारा आसान ऋण के रूप में दी जाती है। केवल दस प्रतिशत रकम किसान को अपनी जेब से देनी होती है। कई राज्यों में किसानों को शुरुआत में केवल पांच सौ से एक हजार रुपये तक का आवेदन शुल्क जमा कराना होता है।
योजना के मुख्य उद्देश्य
इस योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य किसानों को बिजली के भारी और लगातार बढ़ते बिलों से स्थायी राहत देना है। भारत के अधिकांश ग्रामीण इलाकों में बिजली की गंभीर कमी और बेहद अनियमित आपूर्ति से अक्सर खेती के महत्वपूर्ण काम रुक जाते हैं। सोलर पैनल लगाने से यह पुरानी समस्या पूरी तरह खत्म हो सकती है क्योंकि सूर्य की ऊर्जा निरंतर और भरोसेमंद है। इसके साथ ही इस योजना के माध्यम से देशभर में हरित और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना भी सरकार का लक्ष्य है। पर्यावरण प्रदूषण को कम करना और कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम करना भी इस योजना के प्रमुख लक्ष्य हैं। जैसे-जैसे ज्यादा किसान सोलर ऊर्जा अपनाएंगे, डीजल और पारंपरिक बिजली पर निर्भरता कम होगी।
पात्रता और जरूरी दस्तावेज
सरकार ने इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को देने का फैसला किया है जो कुछ निर्धारित शर्तों को पूरा करते हैं। पहली शर्त यह है कि आवेदक किसान के नाम पर कृषि योग्य भूमि होनी जरूरी है। दूसरी शर्त के अनुसार आवेदक भारत का स्थायी नागरिक होना चाहिए। तीसरी शर्त यह है कि किसान का बैंक खाता आधार कार्ड से लिंक होना अनिवार्य है। चौथी शर्त में कहा गया है कि आवेदक पहले से किसी अन्य ऊर्जा सब्सिडी योजना का लाभ नहीं ले रहा हो। जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, भूमि के कागजात जैसे खसरा या खतौनी, बैंक पासबुक, हाल की पासपोर्ट साइज फोटो और आधार से लिंक मोबाइल नंबर शामिल हैं।
आवेदन की प्रक्रिया
आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और ऑनलाइन है। सबसे पहले किसान को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां होम पेज पर पीएम कुसुम सोलर योजना पंजीकरण के विकल्प पर क्लिक करना होगा। फिर अपना मोबाइल नंबर और आधार नंबर डालना होगा। ओटीपी से मोबाइल नंबर का सत्यापन करने के बाद अपनी व्यक्तिगत जानकारी और भूमि संबंधी जानकारी सही-सही भरनी होगी। फिर सोलर पैनल की क्षमता चुननी होगी। इसके बाद आवेदन शुल्क ऑनलाइन जमा करके आवेदन सबमिट करना होगा। आवेदन की रसीद डाउनलोड करके संभाल कर रखनी चाहिए।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना से संबंधित नियम, सब्सिडी राशि, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया विभिन्न राज्यों में अलग-अलग हो सकती है। योजना की शर्तें समय-समय पर बदल सकती हैं। आवेदन करने से पहले नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट या अपने राज्य की ऊर्जा विभाग की वेबसाइट पर जाकर सभी नवीनतम और सटीक जानकारी अवश्य प्राप्त करें।








