भारत के गांवों में रहने वाले उन परिवारों के लिए जिनके पास रहने को मजबूत छत नहीं है, केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एक बड़ी राहत साबित हो रही है। वर्ष 2015 में इस योजना की शुरुआत के बाद से देशभर में लाखों ग्रामीण परिवारों को पक्के मकान मिल चुके हैं। सरकार अब नए सिरे से सर्वेक्षण करवाकर उन सभी जरूरतमंद परिवारों को इस योजना से जोड़ने का प्रयास कर रही है जो अब तक इससे वंचित रह गए थे।
नई लाभार्थी सूची का प्रकाशन
हाल ही में सरकार द्वारा कराए गए ताजा सर्वेक्षण के आधार पर नई लाभार्थी सूची तैयार की जा रही है। जिन लोगों ने हाल के महीनों में इस योजना के लिए आवेदन किया था, वे अब अपना नाम इंटरनेट के माध्यम से या फिर अपने गांव की पंचायत में जाकर देख सकते हैं। जिन परिवारों का चयन होता है, उन्हें एक लाख बीस हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है जो सीधे उनके बैंक खाते में अलग-अलग किस्तों में भेजी जाती है।
योजना में हुए महत्वपूर्ण बदलाव
सरकार ने योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुछ नए परिवर्तन किए हैं। नई सूची में उन परिवारों को प्राथमिकता दी जा रही है जो पहले किसी वजह से छूट गए थे। मकान निर्माण के लिए दी जाने वाली राशि को भी स्पष्ट किया गया है। मुख्य निर्माण राशि के अलावा तीस हजार रुपये अलग से मजदूरी के तौर पर दिए जाते हैं। पूरी राशि चार चरणों में दी जाती है जिसमें पहली किस्त पच्चीस हजार, दूसरी और तीसरी किस्त चालीस-चालीस हजार तथा अंतिम किस्त पंद्रह हजार रुपये होती है। सरकार ने इस योजना को 2027 तक जारी रखने का निर्णय लिया है।
कौन परिवार ले सकते हैं लाभ
इस योजना का फायदा उठाने के लिए कुछ आवश्यक शर्तें पूरी करनी होती हैं। आवेदक को गांव का मूल निवासी होना जरूरी है और उसकी उम्र अठारह साल से कम नहीं होनी चाहिए। परिवार का गरीबी रेखा से नीचे होना और बीपीएल कार्ड होना अनिवार्य है। साथ ही आवेदक के पास पहले से कोई पक्का मकान नहीं होना चाहिए। इसके अतिरिक्त परिवार में किसी भी सदस्य की सरकारी नौकरी नहीं होनी चाहिए। इन नियमों को इसलिए बनाया गया है ताकि योजना का असली लाभ जरूरतमंद परिवारों तक ही पहुंचे।
कितनी मिलती है आर्थिक मदद
चुने गए परिवारों को कुल डेढ़ लाख रुपये तक की सहायता मिलती है। इसमें से एक लाख बीस हजार रुपये घर की निर्माण सामग्री के लिए और तीस हजार रुपये श्रमिकों की मजदूरी के लिए आवंटित किए जाते हैं। मजदूरी की राशि मस्टर रोल के आधार पर जारी होती है। लाभार्थी को सरकारी मानकों के अनुसार दो कमरों का मजबूत घर बनाना पड़ता है। हर किस्त मिलने के बाद निर्माण कार्य का निरीक्षण किया जाता है।
अपना नाम कैसे देखें
नाम देखने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवाससॉफ्ट विकल्प चुनना होता है। फिर रिपोर्ट सेक्शन में अपना राज्य, जिला, ब्लॉक और पंचायत चुनकर सूची देख सकते हैं। अगर इंटरनेट की सुविधा नहीं है तो ग्राम पंचायत या सचिव कार्यालय से भी जानकारी मिल सकती है।
योजना से मिलते हैं कई फायदे
इस योजना से गरीब परिवारों को सुरक्षित आवास मिलता है और बच्चों को पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल मिलता है। महिलाओं के नाम पर घर बनने से उनकी स्थिति मजबूत होती है। स्थानीय मजदूरों को रोजगार भी मिलता है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित सभी आधिकारिक जानकारी और नवीनतम अपडेट के लिए कृपया सरकार की आधिकारिक वेबसाइट pmayg.nic.in देखें या अपने नजदीकी ग्राम पंचायत कार्यालय से संपर्क करें। योजना की पात्रता, राशि और नियमों में सरकार द्वारा समय-समय पर बदलाव किया जा सकता है।








