देश में लाखों परिवार आज भी पक्के मकान के सपने को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसी समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष दो हजार पंद्रह में एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की शुरुआत की थी जिसका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना है। इस कार्यक्रम का मकसद देश के हर जरूरतमंद व्यक्ति को उचित कीमत पर मजबूत आवास उपलब्ध कराना है। यह पहल विशेष रूप से उन परिवारों के लिए बनाई गई है जो आर्थिक तंगी के कारण अपना घर बनाने में असमर्थ हैं। हाल ही में वर्ष दो हजार पच्चीस की नई लाभार्थी सूची जारी कर दी गई है जिसमें आवेदकों को अपना नाम देखना बेहद जरूरी है।
योजना के दो अलग-अलग स्वरूप
इस कार्यक्रम को देश के हर कोने तक पहुंचाने के लिए दो अलग भागों में बांटा गया है। पहला हिस्सा गांवों और देहाती इलाकों के लिए तैयार किया गया है जहां ज्यादातर लोग कच्चे मकानों में रहते हैं। इस भाग के अंतर्गत ऐसे परिवारों को आर्थिक मदद दी जाती है ताकि वे अपना पक्का घर बना सकें। दूसरा हिस्सा शहरों और नगरों के निवासियों के लिए है जहां आर्थिक रूप से कमजोर और मध्यम वर्गीय लोगों को घर खरीदने या बनाने के लिए कर्ज पर छूट मिलती है। इस तरह यह योजना पूरे देश में समान रूप से काम करती है।
योजना की प्रमुख खूबियां
इस कार्यक्रम में कई ऐसी सुविधाएं हैं जो इसे खास बनाती हैं। सबसे पहली बात तो यह कि जो लोग बैंक से लोन लेकर घर बनाना चाहते हैं, उन्हें ब्याज में साढ़े छह फीसदी तक की रियायत दी जाती है। यह छूट सीधे तौर पर किश्तों की रकम घटा देती है। इसके अलावा महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांग लोगों को विशेष तवज्जो दी जाती है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इस योजना को चलाती हैं जिससे ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों तक इसका फायदा पहुंच सके।
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ
इस योजना का फायदा उठाने के लिए कुछ जरूरी शर्तें निर्धारित की गई हैं। सबसे पहली बात तो यह कि आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए। साथ ही, आवेदक या उसके परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पर देश में कहीं भी पहले से कोई पक्का मकान नहीं होना चाहिए। आय की सीमा भी तय की गई है जो आर्थिक स्थिति के अनुसार अलग-अलग वर्गों में बंटी है। जिन लोगों की सालाना आमदनी तीन लाख रुपये तक है वे पहली श्रेणी में आते हैं। तीन से छह लाख की आय वाले दूसरी श्रेणी में, छह से बारह लाख वाले तीसरी श्रेणी में और बारह से अठारह लाख की सालाना कमाई वाले चौथी श्रेणी में शामिल होते हैं। आधार कार्ड होना भी अनिवार्य है।
आवेदन के लिए जरूरी कागजात
जब आप इस योजना के लिए अर्जी देते हैं तो कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज देने होते हैं। पहचान साबित करने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड या मतदाता पहचान पत्र चाहिए। पते की पुष्टि के लिए बिजली का बिल या आधार कार्ड काम आता है। आमदनी दिखाने के लिए तनख्वाह की पर्ची, बैंक का स्टेटमेंट या आयकर रिटर्न जमा करना होता है। इसके अलावा संपत्ति से जुड़े कागजात और बैंक खाते की जानकारी भी देनी पड़ती है।
लाभार्थी सूची में नाम कैसे देखें
अगर आपने योजना के लिए आवेदन कर दिया है तो अब आप घर बैठे इंटरनेट के जरिए अपना नाम सूची में देख सकते हैं। गांवों की सूची देखने के लिए ग्रामीण योजना की सरकारी वेबसाइट पर जाना होगा। वहां अपना पंजीकरण नंबर डालकर सीधे पता लगा सकते हैं। अगर नंबर याद नहीं है तो राज्य, जिला, ब्लॉक और पंचायत की जानकारी भरकर भी खोज सकते हैं। शहरी इलाकों की सूची के लिए शहरी योजना की वेबसाइट पर जाएं और नागरिक मूल्यांकन वाले हिस्से में लाभार्थी खोज का विकल्प चुनें। आधार नंबर डालते ही आपके आवेदन की पूरी जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी। यह प्रक्रिया बिल्कुल सरल और पारदर्शी है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। योजना की शर्तें, पात्रता और प्रक्रिया में समय के साथ बदलाव हो सकते हैं। कृपया नवीनतम और सटीक जानकारी के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की आधिकारिक वेबसाइट देखें या संबंधित सरकारी कार्यालय से संपर्क करें। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार की गलत या अधूरी सूचना के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।








