भारत में श्रमिकों और कर्मचारियों के अधिकारों को लेकर एक नया युग शुरू हो गया है। इक्कीस नवंबर 2025 से देश में चार नए श्रम संहिताएं लागू हो गई हैं जो आजादी के बाद श्रम कानूनों में सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है। इन नए कानूनों के माध्यम से उनतीस पुराने श्रम कानूनों को समाप्त करके चार आधुनिक संहिताओं में समाहित कर दिया गया है। इस बदलाव से देश के लगभग चालीस करोड़ कर्मचारियों और मजदूरों का जीवन बेहतर होने की उम्मीद है।
नए श्रम संहिताओं की संरचना
यह चार नई श्रम संहिताएं वेतन संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा संहिता के नाम से जानी जाती हैं। इन कानूनों का मुख्य उद्देश्य मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना और उनके काम करने की परिस्थितियों में सुधार लाना है। पहले कई तरह के अलग-अलग कानून होने से भ्रम की स्थिति बनी रहती थी, लेकिन अब सभी नियमों को सरल और स्पष्ट बना दिया गया है।
अतिरिक्त समय पर दोगुना वेतन
नए नियमों में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब निर्धारित समय से अधिक काम करने पर मजदूरों को कम से कम दोगुना वेतन मिलेगा। यह भी जरूरी कर दिया गया है कि अतिरिक्त समय का काम केवल मजदूर की सहमति से ही करवाया जा सकता है। प्रतिदिन आठ से बारह घंटे और सप्ताह में अधिकतम अड़तालीस घंटे काम करने की सीमा तय की गई है। पहले कई उद्योगों में मजदूरों को जबरदस्ती लंबे समय तक काम करना पड़ता था और उन्हें सामान्य मजदूरी ही मिलती थी। यह नियम कारखानों, निर्माण कार्यों, खदानों और बंदरगाहों सहित सभी क्षेत्रों में लागू होगा।
वेतन भुगतान में पारदर्शिता
नए कानून के अनुसार अब हर महीने की सातवीं तारीख तक वेतन देना अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम सूचना प्रौद्योगिकी, कपड़ा उद्योग, निर्यात और अन्य सभी क्षेत्रों पर लागू होता है। पहले कई कंपनियां महीने के अंत या अगले महीने में भी वेतन देती थीं जिससे कर्मचारियों को वित्तीय परेशानी होती थी। अब डिजिटल वेतन रजिस्टर रखना भी अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। समय पर वेतन न देने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अस्थायी कर्मचारियों के लिए नई सुविधाएं
सबसे बड़ा बदलाव अस्थायी या ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए आया है। अब उन्हें केवल एक साल की सेवा के बाद ही उपदान का लाभ मिलने लगेगा, जबकि पहले यह अधिकार पांच साल बाद मिलता था। अब अनुबंध और अस्थायी कर्मचारियों को भी भविष्य निधि, पेंशन और बीमा जैसी सुविधाएं मिलेंगी। सभी कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य कर दिया गया है ताकि वे सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठा सकें। यह बदलाव युवाओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है।
महिला कर्मचारियों के लिए समान अवसर
महिलाओं को अब सभी संस्थानों में रात की पाली में काम करने का अवसर मिलेगा। समान काम के लिए समान वेतन अनिवार्य कर दिया गया है जिससे लिंग आधारित भेदभाव समाप्त होगा। रात की पाली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, परिवहन सुविधा और सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था अनिवार्य की गई है। उत्पीड़न और भेदभाव की शिकायतों का त्वरित निपटान सुनिश्चित किया जाएगा।
स्वास्थ्य और सुरक्षा के नए मानक
चालीस वर्ष से अधिक आयु के सभी कर्मचारियों को अब निःशुल्क वार्षिक स्वास्थ्य जांच की सुविधा मिलेगी। खतरनाक उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों के लिए पूर्ण स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। पांच सौ से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों में सुरक्षा समिति बनाना अनिवार्य होगा। खदानों और रासायनिक उद्योगों में अनिवार्य सुरक्षा प्रशिक्षण और सुरक्षा उपकरण प्रदान किए जाएंगे।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। नए श्रम संहिताओं से संबंधित विस्तृत जानकारी और अपने अधिकारों को समझने के लिए कृपया श्रम मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट देखें या किसी कानूनी विशेषज्ञ से परामर्श लें। नियम और प्रावधान समय-समय पर संशोधित हो सकते हैं।









