महंगाई के इस दौर में जब हर चीज के दाम बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में घरेलू रसोई गैस की कीमतों में कमी की खबर निश्चित रूप से राहत भरी है। केंद्र सरकार ने चौदह दशमलव दो किलोग्राम वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कटौती का ऐलान किया है जिससे देशभर के करोड़ों परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। यह कमी त्यौहारों के मौसम से ठीक पहले की गई है जिससे लोगों के घरेलू बजट पर अनुकूल असर पड़ेगा। पेट्रोलियम कंपनियों ने ताजा दरें जारी कर दी हैं जो अब पूरे देश में प्रभावी हो चुकी हैं। सबसे खास बात यह है कि यह राहत सब्सिडी और बिना सब्सिडी दोनों प्रकार के सिलेंडरों पर लागू होगी।
देश के प्रमुख शहरों में नई कीमतें
नई दरें लागू होने के बाद देश के बड़े शहरों में गैस सिलेंडर की कीमतों में स्पष्ट अंतर दिखाई दे रहा है। राजधानी दिल्ली में अब चौदह दशमलव दो किलो वाले सिलेंडर की कीमत करीब आठ सौ नब्बे रुपये हो गई है जबकि इससे पहले यह नौ सौ तीस रुपये के आसपास थी। मुंबई में यह कीमत नौ सौ दो रुपये, कोलकाता में नौ सौ दस रुपये और चेन्नई में आठ सौ पंचानबे रुपये के करीब निर्धारित की गई है। गांवों और छोटे कस्बों में ये दरें परिवहन खर्च के हिसाब से थोड़ी अलग हो सकती हैं। यह राहत खासतौर पर उन परिवारों के लिए बड़ी मदद साबित होगी जो हर महीने बढ़ती गैस की कीमतों से परेशान चल रहे थे और अपने मासिक खर्च को संभालने में मुश्किल महसूस कर रहे थे।
सरकारी योजनाओं का योगदान
केंद्र सरकार लगातार आम जनता को आर्थिक राहत पहुंचाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है। उज्ज्वला योजना के अंतर्गत हर साल लाखों महिलाओं को निशुल्क सिलेंडर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस बार की मूल्य कटौती से उज्ज्वला योजना से जुड़े लाभार्थियों को भी विशेष फायदा होगा। वित्त मंत्रालय की ओर से संकेत मिले हैं कि यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस के दाम स्थिर रहे तो आगामी महीनों में और भी राहत की उम्मीद की जा सकती है। सरकार का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर घर तक स्वच्छ और किफायती ऊर्जा पहुंचे ताकि शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में घरेलू जीवन सुगम हो सके।
कीमतों में गिरावट के मुख्य कारण
एलपीजी सिलेंडर के दामों का सीधा संबंध अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों से होता है। हाल के समय में विश्व बाजार में क्रूड ऑयल के दामों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है जिसका प्रभाव घरेलू रसोई गैस की कीमतों पर भी पड़ा है। इसके साथ ही डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की स्थिरता ने भी इस राहत में योगदान दिया है। सरकारी तेल कंपनियां जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने स्पष्ट किया है कि वे प्रत्येक महीने अंतरराष्ट्रीय दरों को ध्यान में रखते हुए नई कीमतें निर्धारित करती हैं ताकि बाजार में संतुलन बरकरार रहे। इन सभी कारकों के संयुक्त प्रभाव से इस महीने एलपीजी की कीमतों में यह कमी संभव हो सकी है।
भविष्य में और राहत की संभावना
अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि कच्चे तेल की वैश्विक कीमतें इसी तरह नियंत्रित रहीं तो आने वाले दिसंबर या जनवरी माह में एलपीजी के दामों में और कमी देखने को मिल सकती है। सरकार भी जनता को महंगाई से निजात दिलाने के प्रति प्रतिबद्ध है इसलिए वह पेट्रोलियम कंपनियों की गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रख रही है। हालांकि यह भी सच है कि वैश्विक बाजार में किसी भी अचानक उतार-चढ़ाव का असर आने वाले समय की कीमतों पर पड़ सकता है। फिलहाल आम उपभोक्ता इस राहत का पूरा आनंद ले सकते हैं क्योंकि लंबे अरसे के बाद रसोई गैस के दामों में कमी आई है। यह त्यौहारों के मौसम को और भी खुशनुमा बना देता है और परिवारों को अपने खर्चों की बेहतर योजना बनाने में मदद करता है। उम्मीद की जा रही है कि यह सकारात्मक रुझान जारी रहेगा और आम जनता को लगातार आर्थिक राहत मिलती रहेगी।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए तैयार किया गया है। एलपीजी सिलेंडर की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति और सरकारी नीतियों के आधार पर समय-समय पर बदल सकती हैं। कृपया नवीनतम और सटीक जानकारी के लिए अपनी स्थानीय गैस एजेंसी या पेट्रोलियम कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट देखें। विभिन्न शहरों और क्षेत्रों में कीमतें अलग-अलग हो सकती हैं। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार की त्रुटि या जानकारी में बदलाव के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।








