देश भर में त्योहारों के मौसम के बाद आम जनता के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। नवंबर 2025 महीने में एलपीजी गैस सिलेंडर के दामों में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है। दीवाली के पश्चात लोगों को आशंका थी कि सिलेंडर के दाम बढ़ सकते हैं लेकिन सरकारी तेल कंपनियों ने घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतें पूर्ववत बनाए रखी हैं। लगातार बढ़ती महंगाई के इस दौर में सिलेंडर के दाम स्थिर रहना आम नागरिकों के लिए सुकून देने वाली बात है। हालांकि व्यावसायिक यानी कमर्शियल सिलेंडर के दामों में मामूली परिवर्तन देखने को मिला है जिसका प्रभाव व्यापारियों और रेस्तरां संचालकों पर पड़ेगा।
नवंबर में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतें
नवंबर 2025 में चौदह दशमलव दो किलोग्राम वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई उतार चढ़ाव नहीं आया है। देश के प्रमुख महानगरों में इसकी कीमत अलग अलग है। मुंबई में यह सिलेंडर आठ सौ बावन रुपये पचास पैसे में उपलब्ध है जबकि दिल्ली में इसका मूल्य आठ सौ तिरपन रुपये निर्धारित है। चेन्नई में घरेलू सिलेंडर आठ सौ अड़सठ रुपये पचास पैसे में मिल रहा है और कोलकाता में इसकी कीमत आठ सौ उन्नासी रुपये प्रति सिलेंडर है। इन चारों बड़े शहरों में कीमतें पिछले माह के समान ही बनी हुई हैं। वहीं उन्नीस किलोग्राम वाले व्यावसायिक सिलेंडर में चार से छह रुपये तक की कमी लाई गई है। दिल्ली में अब यह सिलेंडर पंद्रह सौ नब्बे रुपये में मिल रहा है जो पहले लगभग सोलह सौ रुपये के आसपास था।
राज्यवार भिन्न कीमतें और उनके कारण
भारत में एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम हर राज्य में समान नहीं होते हैं। इसका मुख्य कारण स्थानीय कर और परिवहन शुल्क का अंतर है। उत्तर प्रदेश में घरेलू सिलेंडर लगभग आठ सौ नब्बे रुपये पचास पैसे में मिल रहा है जबकि बिहार में यह कीमत नौ सौ बयालीस रुपये तक पहुंच गई है। तेलंगाना में इसका मूल्य नौ सौ पांच रुपये और पंजाब में आठ सौ चौरानवे रुपये है। देश में सबसे महंगा सिलेंडर त्रिपुरा में है जहां इसकी कीमत एक हजार तेरह रुपये पचास पैसे तक पहुंच गई है। इसके विपरीत सबसे सस्ता सिलेंडर तमिलनाडु के कुछ शहरों में मिल रहा है जहां कीमत आठ सौ अड़तालीस रुपये पचास पैसे है।
कीमतें स्थिर रहने के पीछे के कारण
इस बार घरेलू एलपीजी के दाम न बदलने के पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमतें स्थिर बनी रही हैं और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की स्थिति में भी विशेष परिवर्तन नहीं आया। इन्हीं कारणों से तेल कंपनियों ने घरेलू गैस के दामों को यथावत रखने का निर्णय लिया। सरकार उज्जवला योजना के अंतर्गत सब्सिडी प्रदान कर रही है जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को काफी राहत मिल रही है। हालांकि यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस की कीमतें बढ़ती हैं तो भविष्य में दामों में वृद्धि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सरकारी सब्सिडी और भविष्य की संभावनाएं
सरकार ने उज्जवला योजना के माध्यम से एलपीजी उपभोक्ताओं को सब्सिडी देना जारी रखा है। यह सब्सिडी की राशि सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है। सब्सिडी की यह राशि प्रत्येक महीने बदलती रहती है जो अंतरराष्ट्रीय बाजार के भाव और डॉलर की दर पर निर्भर करती है। विशेषज्ञों की राय में यदि आगामी महीनों में कच्चे तेल के दाम स्थिर रहे तो दिसंबर तक एलपीजी की कीमतें भी वर्तमान स्तर पर बनी रह सकती हैं। परंतु यदि वैश्विक बाजार में किसी प्रकार की अस्थिरता आती है तो अगली संशोधन तारीख यानी पहली दिसंबर को कीमतों में बदलाव देखा जा सकता है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए तैयार किया गया है। एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतें राज्य और शहर के अनुसार भिन्न हो सकती हैं। नवीनतम और सटीक कीमतों की जानकारी के लिए कृपया अपने नजदीकी गैस एजेंसी से संपर्क करें या आधिकारिक तेल कंपनी की वेबसाइट देखें। कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति और सरकारी नीतियों के आधार पर समय समय पर बदल सकती हैं।








