देश के हर घर में रसोई गैस सिलेंडर एक अनिवार्य जरूरत है और इसकी कीमतों में होने वाला हर बदलाव सीधे परिवारों की जेब को प्रभावित करता है। हाल के दिनों में तेल कंपनियों ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कमी की घोषणा की है, जो आम उपभोक्ताओं और व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं दोनों के लिए राहत की खबर लेकर आई है। यह बदलाव महंगाई से जूझ रहे परिवारों के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
व्यावसायिक सिलेंडर में मिली बड़ी छूट
उन्नीस किलोग्राम वाले कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। राजधानी दिल्ली में इसकी कीमत में करीब चौंतीस रुपये की कमी आई है और अब यह सोलह सौ इकतीस रुपये में उपलब्ध है। मुंबई में यह पंद्रह सौ तिरासी रुपये, कोलकाता में सत्रह सौ पैंतीस रुपये और चेन्नई में सत्रह सौ नब्बे रुपये में मिल रहा है। पिछले पांच महीनों से लगातार जारी यह कटौती व्यापारियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है।
यह कमी होटल, ढाबे और छोटे भोजनालयों को चलाने वालों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि उनकी दैनिक परिचालन लागत में गैस का खर्च एक बड़ा हिस्सा होता है। कीमतों में यह राहत उन्हें अपने मुनाफे को बनाए रखने और ग्राहकों के लिए भोजन की कीमतें स्थिर रखने में मदद करेगी।
छोटे कारोबारियों को मिला आर्थिक सहारा
गैस की कीमतों में कमी का सबसे बड़ा फायदा छोटे व्यवसायियों को मिल रहा है। चाय की दुकानें, छोटे रेस्तरां और स्थानीय भोजनालय प्रतिदिन बड़ी मात्रा में गैस का उपयोग करते हैं। जब कीमतें बढ़ती हैं तो उन्हें या तो अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ानी पड़ती हैं या फिर अपने लाभ में कटौती करनी पड़ती है। नई कीमतों ने उनके मासिक खर्च में स्थिरता लाई है।
त्योहारों और शादी के मौसम में जब खाने-पीने की मांग बढ़ जाती है, तब गैस की खपत भी तेजी से बढ़ती है। ऐसे समय में मिली यह राहत व्यापारियों को अपने कारोबार को बेहतर तरीके से संचालित करने का अवसर देती है और स्थानीय बाजार में मूल्य स्थिरता बनाए रखने में मदद करती है।
घरेलू सिलेंडर के मौजूदा दाम
साढ़े चौदह किलो वाले घरेलू सिलेंडर की कीमतें अलग-अलग शहरों में अलग-अलग हैं। दिल्ली में यह आठ सौ तिरपन रुपये, मुंबई में आठ सौ बावन रुपये और पुणे तथा जयपुर में आठ सौ छप्पन रुपये में उपलब्ध है। बेंगलुरु में इसकी कीमत आठ सौ पचपन रुपये और अहमदाबाद में आठ सौ साठ रुपये तय की गई है।
गुरुग्राम में उपभोक्ताओं को आठ सौ इकसठ रुपये देने पड़ रहे हैं जबकि गाजियाबाद में यह आठ सौ पचास रुपये में मिल रहा है। लखनऊ में कीमत थोड़ी अधिक है जहां सिलेंडर आठ सौ नब्बे रुपये का है। हैदराबाद, वाराणसी और पटना जैसे शहरों में कीमतें नौ सौ रुपये से ऊपर हैं।
अलग-अलग शहरों में कीमतों का फर्क
हर शहर में एलपीजी की कीमतें अलग होने का मुख्य कारण स्थानीय कर व्यवस्था और परिवहन का खर्च है। भोपाल में सिलेंडर आठ सौ अट्ठावन रुपये और इंदौर में आठ सौ इक्यासी रुपये में मिलता है। प्रत्येक शहर की स्थानीय परिस्थितियां मूल्य निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उपभोक्ताओं को अपने क्षेत्र के अधिकृत वितरक से ही सही कीमत की जानकारी लेनी चाहिए क्योंकि ये दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति के अनुसार किसी भी समय बदल सकते हैं।
लगातार मिल रही राहत का सिलसिला
पिछले कई महीनों से गैस की कीमतों में राहत का दौर जारी है। जुलाई में करीब अट्ठावन रुपये और जून में चौबीस रुपये की कटौती की गई थी। यह निरंतर राहत घरेलू उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों को आर्थिक स्थिरता देने में सहायक है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और भारतीय मुद्रा की मजबूती ने भी इस राहत को बनाए रखने में योगदान दिया है।
परिवारों के बजट पर सकारात्मक प्रभाव
रसोई गैस के दामों में कमी मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए बड़ी राहत है जो पहले से ही बढ़ती महंगाई का सामना कर रहे हैं। त्योहारों के दौरान जब रसोई में गैस का उपयोग बढ़ जाता है, तब यह राहत और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। गैस के खर्च में हुई बचत को परिवार अपनी अन्य जरूरतों में लगा सकते हैं, जिससे उनका आर्थिक संतुलन बेहतर होता है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। एलपीजी सिलेंडर की कीमतें समय-समय पर बदलती रहती हैं। किसी भी निर्णय से पहले अपने शहर के अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर या तेल कंपनी से वर्तमान दरों की जांच अवश्य करें। लेख में दी गई कीमतें विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित हैं और इनमें किसी भी समय परिवर्तन हो सकता है। सरकारी नीतियों और अंतरराष्ट्रीय बाजार के आधार पर दामों में अंतर आ सकता है। किसी भी प्रकार की त्रुटि या परिवर्तन के लिए लेखक जिम्मेदार नहीं होगा।








