GST Petrol-Diesel New Update: नई GST लागू! पेट्रोल, डीज़ल और LPG सिलेंडर के दामों में जबरदस्त गिरावट – लोगों में खुशी की लहर

By Shruti Singh

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भारतीय उपभोक्ताओं के लिए खुशी की खबर है जब अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दामों में भारी कटौती का ऐलान किया। यह फैसला उन करोड़ों नागरिकों के लिए संजीवनी के समान है जो पिछले कई महीनों से लगातार बढ़ती ईंधन कीमतों से परेशान थे। खासतौर पर मध्यम वर्ग के परिवारों और छोटे व्यवसायियों के लिए यह राहत भरा कदम साबित हुआ है। केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई नरमी को देखते हुए यह निर्णय लिया है, जिससे घरेलू बाजार में प्रति लीटर साढ़े दस रुपये तक की छूट मिली है।

प्रमुख शहरों में नए मूल्य

राजधानी दिल्ली में अब पेट्रोल चौरानवे रुपये पच्चीस पैसे प्रति लीटर और डीजल सत्तासी रुपये दस पैसे प्रति लीटर पर उपलब्ध है। देश के वित्तीय केंद्र मुंबई समेत अन्य बड़े शहरों जैसे कोलकाता और चेन्नई में भी समान अनुपात में कमी देखने को मिली है। पेट्रोलियम विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने बताया है कि जनहित में समय-समय पर मूल्यों की समीक्षा जारी रहेगी। यह कटौती पिछले कई सालों में की गई सबसे बड़ी एकमुश्त राहत मानी जा रही है जो उपभोक्ताओं की खरीदने की ताकत बढ़ाने और महंगाई को नियंत्रित करने में सहायक होगी।

वैश्विक बाजार का योगदान

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें प्रति बैरल बयासी डॉलर के स्तर तक गिर गई हैं, जिसका सीधा फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था को मिला है। तेल उत्पादक देशों में उत्पादन में बढ़ोतरी और मांग के सामान्य होने से यह परिस्थिति बनी है। जानकारों का मानना है कि अगर यह रुझान बना रहता है तो भविष्य में और भी राहत की उम्मीद की जा सकती है। केंद्र ने उत्पाद शुल्क में कमी करके राज्यों को भी प्रेरित किया है कि वे अपने स्तर पर मूल्य वर्धित कर घटाकर जनता को अतिरिक्त लाभ पहुंचाएं।

रसोई गैस में भी राहत

घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दामों में भी उल्लेखनीय कमी आई है जो प्रत्येक परिवार की रसोई को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है। साढ़े चौदह किलोग्राम वाले घरेलू सिलेंडर की कीमत जो पहले नौ सौ पचास से एक हजार रुपये के बीच थी, अब घटकर साढ़े आठ सौ रुपये के आसपास आ गई है। यह बदलाव मासिक घरेलू खर्च पर काफी सकारात्मक असर डालेगा। उन्नीस किलोग्राम के व्यावसायिक सिलेंडर में भी एक सौ बीस से डेढ़ सौ रुपये की गिरावट दर्ज हुई है। होटल, भोजनालय और अन्य व्यावसायिक संस्थानों के लिए यह राहत परिचालन खर्च घटाने में मददगार होगी।

राज्यों में मूल्य अंतर

विभिन्न प्रदेशों में ईंधन के दामों में फर्क मुख्य रूप से स्थानीय कर प्रणाली के कारण दिखाई देता है। राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जहां वैट अपेक्षाकृत अधिक है, वहां पेट्रोल अभी भी सौ रुपये के आंकड़े को पार किए हुए है। इसके विपरीत उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में यह चौरानवे से सत्तानवे रुपये की सीमा में है। दक्षिण भारतीय राज्यों में भी मध्यम स्तर की कटौती लागू हुई है। विशेषज्ञों की सलाह है कि यदि राज्य सरकारें अपने स्तर पर कर दरें घटाने का निर्णय लें तो उपभोक्ताओं को और भी अधिक राहत मिल सकती है।

समाज पर व्यापक प्रभाव

ईंधन मूल्यों में कमी का सर्वाधिक लाभ मध्यम आय वर्ग, कृषक समुदाय और परिवहन क्षेत्र से जुड़े लोगों को होगा। जब परिवहन खर्च घटता है तो इसका सीधा असर रोजमर्रा की वस्तुओं जैसे सब्जियां, फल, अनाज और अन्य खाद्य सामग्री की कीमतों पर पड़ता है। कृषि क्षेत्र के लिए यह विशेष महत्व रखता है क्योंकि खेती में डीजल का व्यापक उपयोग होता है। सिंचाई, कटाई और उत्पाद परिवहन में लागत घटने से किसानों की आमदनी में इजाफा होगा। अर्थशास्त्रियों का विश्लेषण है कि यह गिरावट महंगाई दर को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाएगी और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर इसका सकारात्मक प्रभाव आने वाले महीनों में स्पष्ट होगा।


डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतें समय-समय पर बदलती रहती हैं और विभिन्न राज्यों में भिन्न हो सकती हैं। कृपया अपने क्षेत्र की वर्तमान कीमतों की जानकारी के लिए स्थानीय पेट्रोल पंप या आधिकारिक पेट्रोलियम कंपनी की वेबसाइट देखें। यहां दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से संकलित है और इसमें परिवर्तन संभव है।

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