ई-श्रम कार्ड: असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज
देश में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों मजदूरों के लिए ई-श्रम कार्ड एक आवश्यक दस्तावेज बन गया है। वर्ष 2021 से शुरू हुई इस योजना ने श्रमिकों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है। आज हम इस लेख में ई-श्रम कार्ड से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को सरल भाषा में समझेंगे।
ई-श्रम कार्ड योजना की शुरुआत और उद्देश्य
केंद्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा 26 अगस्त 2021 को इस योजना की शुरुआत की गई थी। हमारे देश में बहुत बड़ी संख्या में असंगठित क्षेत्र के मजदूर काम करते हैं, लेकिन पहले इन श्रमिकों का कोई सरकारी रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं था। इस वजह से सरकारी योजनाओं का लाभ सही तरीके से श्रमिकों तक नहीं पहुंच पाता था। इसी समस्या को हल करने के लिए ई-श्रम कार्ड योजना लाई गई।
यह कार्ड आधार कार्ड के आकार का होता है और इस पर श्रमिक की पूरी जानकारी और फोटो होती है। इससे श्रमिक की पहचान आसानी से हो जाती है और वह इसे कहीं भी साथ रख सकता है।
कार्ड की मुख्य विशेषताएं
इस कार्ड में हर श्रमिक को 12 अंकों का एक विशेष यूनिवर्सल अकाउंट नंबर दिया जाता है। इस नंबर को पूरे भारत में कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। महिला और पुरुष दोनों श्रमिक इस कार्ड को बनवा सकते हैं। एक बार कार्ड बन जाने के बाद श्रमिक कभी भी आधिकारिक पोर्टल से इसे डाउनलोड करके प्रिंट निकलवा सकते हैं।
इस कार्ड के साथ श्रमिक का बैंक खाता भी जुड़ा रहता है। इसकी वजह से सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली कोई भी राशि सीधे श्रमिक के बैंक खाते में आ जाती है। इससे बिचौलियों की समस्या खत्म हो गई है और पारदर्शिता बढ़ी है।
आर्थिक लाभ और सहायता
ई-श्रम कार्ड धारकों को कई तरह के आर्थिक लाभ मिलते हैं। इस कार्ड का उपयोग करके श्रमिक पेंशन योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं और हर महीने पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले श्रमिकों को एक हजार रुपये का भत्ता भी दिया था। गर्भवती महिला श्रमिक इस कार्ड का उपयोग करके आंगनवाड़ी में विभिन्न योजनाओं से वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकती हैं।
आपातकालीन परिस्थितियों में सरकार इस कार्ड के माध्यम से श्रमिकों की तुरंत पहचान करके उन्हें आर्थिक मदद पहुंचा सकती है। पहले जहां अपात्र लोग भी श्रमिकों के लाभ उठा लेते थे, वहीं अब केवल योग्य श्रमिकों को ही लाभ मिल रहा है।
कार्ड बनवाने की योग्यता
केवल असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिक ही इस कार्ड को बनवा सकते हैं। श्रमिक की उम्र 16 से 59 साल के बीच होनी चाहिए। निर्माण मजदूर, ड्राइवर, हेल्पर, रेहड़ी पटरी वाले, बिजली मिस्त्री, धोबी, मछुआरे, दर्जी, ढाबा कर्मचारी और कृषि मजदूर सभी इस कार्ड को बनवा सकते हैं।
ध्यान रखें कि ईपीएफओ के सदस्य इस कार्ड को नहीं बनवा सकते। केवल भारतीय नागरिक ही इस योजना के लिए पात्र हैं।
कार्ड की जरूरत और महत्व
सरकार ने श्रमिकों के लिए शुरू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए इस कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। यदि किसी श्रमिक के पास यह कार्ड नहीं है तो वह कई योजनाओं के लाभ से वंचित रह सकता है। इसलिए हर श्रमिक के लिए यह दस्तावेज बेहद जरूरी हो गया है।
सरकार ने एक आधिकारिक पोर्टल भी लॉन्च किया है जहां श्रमिक अपने सवालों के जवाब पा सकते हैं और जरूरी काम ऑनलाइन पूरे कर सकते हैं। अभी तक करोड़ों श्रमिकों ने यह कार्ड बनवा लिया है और इसका उपयोग कर रहे हैं।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। ई-श्रम कार्ड से संबंधित नवीनतम जानकारी, पात्रता मानदंड, आवेदन प्रक्रिया और लाभों के बारे में सटीक और अद्यतन विवरण के लिए कृपया आधिकारिक ई-श्रम पोर्टल या संबंधित सरकारी विभाग से संपर्क करें। योजना के नियम और लाभ समय-समय पर बदल सकते हैं।








