भारत में करोड़ों मजदूर ऐसे हैं जो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं और रोजाना मजदूरी पर निर्भर रहते हैं। इन मेहनतकश लोगों के लिए केंद्र सरकार ने एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया है जो उन्हें सामाजिक और आर्थिक संरक्षण देता है। यह कार्यक्रम देशभर में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरों, घरेलू कामगारों, रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं और अन्य असंगठित कामगारों को एक मंच पर लाने का काम करता है। इसके माध्यम से सरकार एक राष्ट्रीय स्तर का डेटाबेस तैयार कर रही है ताकि जरूरतमंद लोगों तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे पहुंच सके।
पंजीकरण से मिलने वाली पहचान और लाभ
इस योजना में पंजीकरण करवाने वाले हर मजदूर को बारह अंकों की एक विशेष पहचान संख्या दी जाती है। यह संख्या उनकी पहचान का आधार बनती है और इसी के जरिए वे सरकारी सहायता का लाभ उठा सकते हैं। वर्ष २०२५ में सरकार ने इस कार्यक्रम के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को नौ हजार रुपये तक की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है जिससे बीच में किसी तरह की देरी या भ्रष्टाचार की संभावना नहीं रहती। इसके अलावा पंजीकृत मजदूरों को तीन हजार रुपये मासिक पेंशन, दुर्घटना बीमा और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं भी मिलती हैं।
पंजीकरण के लिए आवश्यक योग्यता और दस्तावेज
इस योजना का लाभ लेने के लिए व्यक्ति की आयु सोलह से उनसठ वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदक को असंगठित क्षेत्र में काम करना जरूरी है, चाहे वह मजदूरी हो, छोटा व्यवसाय हो या कोई दैनिक कार्य हो। पंजीकरण के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है और मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा होना चाहिए। साथ ही एक सक्रिय बैंक खाता भी जरूरी है जो आधार से लिंक हो। इन सभी दस्तावेजों के साथ व्यक्ति आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी सार्वजनिक सेवा केंद्र पर जाकर अपना पंजीकरण करवा सकता है।
पंजीकरण की सरल प्रक्रिया
पंजीकरण करवाना बेहद आसान है। सबसे पहले आधिकारिक पोर्टल पर जाकर पंजीकरण का विकल्प चुनना होता है। इसके बाद आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड डालना होता है। फिर मोबाइल पर आए ओटीपी से सत्यापन करना होता है। अगले चरण में व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, पता, काम की प्रकृति और बैंक खाते की जानकारी भरनी होती है। सभी जानकारी सही से भरने के बाद फॉर्म जमा करने पर बारह अंकों वाली पहचान संख्या मिल जाती है। इस संख्या के साथ व्यक्ति अपना कार्ड डाउनलोड कर सकता है और भविष्य के लिए सुरक्षित रख सकता है।
आर्थिक सहायता प्राप्त करने का तरीका
पंजीकरण के बाद आर्थिक सहायता की राशि सीधे बैंक खाते में किस्तों के माध्यम से आती है। यह प्रणाली पारदर्शी है और इसमें कोई बिचौलिया नहीं होता। लाभार्थी अपने पोर्टल में लॉगिन करके भुगतान की स्थिति देख सकते हैं। अगर किसी कारण से राशि नहीं आती है तो यह जांचना चाहिए कि बैंक खाता आधार से जुड़ा है या नहीं और पोर्टल पर दी गई सभी जानकारी सही है या नहीं। सरकार इस योजना के दायरे को लगातार बढ़ा रही है ताकि अधिक से अधिक मजदूरों को इसका फायदा मिल सके।
समाज के कमजोर वर्ग के लिए आशा की किरण
यह कार्यक्रम असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले उन करोड़ों लोगों के लिए एक मजबूत आधार बन गया है जो रोजाना अनिश्चितता में जीते हैं। आर्थिक संकट के समय यह सहायता उनके और उनके परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होती है। सरकार का उद्देश्य समाज के सबसे कमजोर वर्ग को सशक्त बनाना और उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। हर मेहनतकश व्यक्ति को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए और अपने भविष्य को सुरक्षित बनाना चाहिए।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। योजना से संबंधित नवीनतम जानकारी और पात्रता मानदंड के लिए कृपया आधिकारिक सरकारी वेबसाइट देखें या संबंधित विभाग से संपर्क करें। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार की त्रुटि या जानकारी में बदलाव के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।








