हाल के समय में घरेलू रसोई गैस की कीमतों को लेकर उपभोक्ताओं को राहत भरी खबर मिली है। पिछले कुछ समय से एलपीजी सिलेंडर की दरों में किसी प्रकार का कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया है। यह स्थिरता विशेष रूप से उन परिवारों के लिए सुखद है जो पहले से ही महंगाई के बोझ तले दबे हुए हैं। त्योहारों के मौसम में जब घरों में खाना पकाने का काम अधिक होता है, ऐसे समय में गैस सिलेंडर के दामों में वृद्धि न होना निश्चित रूप से आम जनता के लिए संतोष का विषय है। पेट्रोलियम कंपनियों ने अपनी मूल्य निर्धारण नीति में स्थिरता बनाए रखी है जिससे घरेलू बजट पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ रहा है।
जीएसटी व्यवस्था और कर संरचना
रसोई गैस पर लगने वाले करों की बात करें तो जीएसटी परिषद द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार घरेलू उपयोग के सिलेंडर पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है। वहीं व्यावसायिक उपयोग के लिए बड़े सिलेंडर पर अठारह प्रतिशत की दर से कर वसूला जाता है। यह कर संरचना फिलहाल यथावत बनी हुई है और इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। इस स्थिर कर ढांचे के कारण उपभोक्ताओं को अचानक से कीमतों में उछाल का सामना नहीं करना पड़ रहा है। घरेलू सिलेंडर पर कम कर दर लगाने का उद्देश्य आम परिवारों की रोजमर्रा की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन पर आर्थिक बोझ कम करना है।
विभिन्न शहरों में मूल्य संरचना
महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतें अलग-अलग हैं। मुंबई और ठाणे में एक घरेलू सिलेंडर की कीमत आठ सौ दो रुपये पचास पैसे है। पुणे में यह दर आठ सौ छह रुपये है जबकि नासिक में थोड़ी अधिक यानी आठ सौ छह रुपये पचास पैसे है। कोल्हापुर में सिलेंडर आठ सौ पांच रुपये पचास पैसे में मिल रहा है। नागपुर जैसे शहरों में यह दर आठ सौ चौवन रुपये पचास पैसे है। वर्धा और गढ़चिरौली जैसे कुछ जिलों में कीमतें और भी अधिक हैं जहां क्रमशः आठ सौ तिरसठ और आठ सौ बहत्तर रुपये पचास पैसे में सिलेंडर उपलब्ध है। यह मूल्य अंतर मुख्य रूप से परिवहन खर्च और स्थानीय करों के कारण होता है।
जीएसटी परिषद के महत्वपूर्ण फैसले
सितंबर महीने में आयोजित जीएसटी परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जो आम उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी साबित होंगे। परिषद ने अनेक रोजमर्रा की वस्तुओं पर लगने वाले करों में कटौती करने का फैसला किया है। यह बदलाव सितंबर के अंतिम सप्ताह से प्रभावी होने वाले हैं और इन्हें वर्ष 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से किए गए सबसे बड़े सुधारों में गिना जा रहा है। इस निर्णय का उद्देश्य बाजार में वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करना और आम जनता की क्रय शक्ति को बढ़ाना है।
रोजमर्रा की वस्तुओं पर प्रभाव
जीएसटी दरों में कमी का सबसे सीधा असर दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर पड़ेगा। खाद्य पदार्थ, कपड़े, एक निश्चित आकार तक के टेलीविजन, कार और एयर कंडीशनर जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर लगने वाली जीएसटी दरों में राहत दी गई है। इससे मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों को सबसे अधिक फायदा होगा। बाजार में कीमतें घटने से खरीदारी की मांग बढ़ेगी जिससे उत्पादन क्षेत्र को भी प्रोत्साहन मिलेगा। हालांकि तंबाकू से बने उत्पाद और शीतल पेय जैसी वस्तुओं पर चालीस प्रतिशत का उच्च कर बरकरार रखा गया है। इसी तरह अत्यधिक महंगी कारों पर भी चालीस प्रतिशत से अधिक की दर से कर लगाया जाएगा।
आर्थिक प्रभाव और संभावनाएं
कर दरों में इन परिवर्तनों से देश की समग्र अर्थव्यवस्था को गति मिलने की उम्मीद है। जब बाजार में वस्तुओं की कीमतें कम होती हैं तो उपभोक्ताओं की खरीदारी क्षमता बढ़ती है। इससे मांग में वृद्धि होती है और उत्पादन बढ़ता है। बढ़ते उत्पादन से रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं जो देश के विकास के लिए आवश्यक है। सरकार का मुख्य लक्ष्य मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखते हुए आम नागरिकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। एलपीजी दरों में स्थिरता और अन्य वस्तुओं पर कर कटौती दोनों मिलकर परिवारों के मासिक खर्च में कमी लाने में सहायक होंगे।
अस्वीकरण
प्रस्तुत लेख में दी गई एलपीजी सिलेंडर की कीमतें और अन्य जानकारियां केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से प्रदान की गई हैं। रसोई गैस की कीमतें विभिन्न पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा समय-समय पर निर्धारित की जाती हैं और इनमें बदलाव हो सकता है। क्षेत्रीय भिन्नता, परिवहन लागत और स्थानीय करों के कारण विभिन्न शहरों और जिलों में दरें अलग-अलग हो सकती हैं। पाठकों से अनुरोध है कि वे नवीनतम और सटीक मूल्य जानकारी के लिए अपनी स्थानीय एलपीजी एजेंसी से संपर्क करें या आधिकारिक तेल कंपनियों की वेबसाइट देखें। जीएसटी से संबंधित जानकारी भी परिवर्तनशील है और सरकारी निर्णयों के आधार पर बदल सकती है। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार की मूल्य संबंधी विसंगति या त्रुटि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।









