भारतीय रिज़र्व बैंक ने देश की मुद्रा व्यवस्था को अधिक मजबूत, विश्वसनीय और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए पांच सौ रुपये के नोटों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह नई व्यवस्था पहली सितंबर दो हजार पच्चीस से पूरे भारत में प्रभावी हो गई है और इसका मुख्य उद्देश्य देश की वित्तीय व्यवस्था को अधिक पारदर्शी बनाना है। इन नए निर्देशों के अनुसार नागरिकों को अपने पुराने पांच सौ रुपये के नोटों को तीस सितंबर दो हजार पच्चीस तक अनिवार्य रूप से बैंक में जमा करवाना होगा। यह निर्णय केवल मुद्रा परिवर्तन तक सीमित नहीं है बल्कि यह देश की आर्थिक सुरक्षा और वित्तीय पारदर्शिता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम कदम है।
नई नीति लागू करने के प्रमुख कारण
रिज़र्व बैंक ने पांच सौ रुपये के नोटों के लिए नवीन नियम बनाने के कई महत्वपूर्ण कारण बताए हैं। सबसे प्रमुख कारण जाली मुद्रा का बढ़ता प्रचलन था जो देश की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा दोनों के लिए बड़ा खतरा बन गया था। नकली नोटों की संख्या में लगातार वृद्धि से आम जनता और व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था। दूसरा प्रमुख कारण नकद लेनदेन में पारदर्शिता की कमी थी। बड़ी मात्रा में होने वाले कैश ट्रांजैक्शन का कोई उचित रिकॉर्ड न होने से काले धन का संचय बढ़ता जा रहा था जिससे कर चोरी और अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा था। तीसरा महत्वपूर्ण उद्देश्य देश में डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करना है ताकि भारत भी आधुनिक कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ सके।
नकद लेनदेन पर नई सीमाएं
आरबीआई ने कैश ट्रांजैक्शन के लिए कुछ सख्त सीमाएं निर्धारित की हैं जो अब पूरे देश में लागू हैं। सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि अब कोई भी व्यक्ति एक बार में दस हजार रुपये से अधिक की नकद राशि का भुगतान नहीं कर सकता। यह सीमा सभी प्रकार के व्यावसायिक और व्यक्तिगत लेनदेन पर लागू होती है। पांच सौ रुपये के नोट बैंक में जमा करते समय पहचान की पुष्टि अनिवार्य कर दी गई है। प्रत्येक व्यक्ति को अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कोई अन्य पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा। बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे जमा किए गए सभी नोटों की कड़ाई से जांच करें जो पहले आधुनिक मशीनों के माध्यम से और फिर मैनुअल वेरिफिकेशन द्वारा की जाएगी।
पुराने नोट जमा करने की प्रक्रिया
जिन नागरिकों के पास पुराने पांच सौ रुपये के नोट मौजूद हैं उन्हें निर्धारित समयसीमा के भीतर उन्हें जमा करना अत्यंत आवश्यक है। सबसे पहले आपको अपनी नजदीकी बैंक शाखा में जाना होगा चाहे वह सरकारी हो या निजी। बैंक जाते समय अपने साथ वैध पहचान दस्तावेज अवश्य रखें। आधार कार्ड सबसे उपयुक्त है लेकिन पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी या पासपोर्ट भी मान्य होंगे। बिना पहचान पत्र के बैंक आपके नोट स्वीकार नहीं करेगा। नोट जमा करने के बाद बैंक आपको एक रसीद जारी करेगा जिसे आपको सुरक्षित रखना चाहिए। याद रखें कि तीस सितंबर दो हजार पच्चीस के बाद पुराने डिजाइन वाले पांच सौ रुपये के नोट कहीं भी स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
पुराने नोटों की वर्तमान स्थिति
पहली सितंबर दो हजार पच्चीस से ही पुराने पांच सौ रुपये के नोटों का उपयोग काफी सीमित और संदिग्ध हो गया है। बाजार में दुकानदार और व्यापारी अब पुराने नोट लेने से पहले उनकी अच्छी तरह जांच करते हैं। बहुत से व्यापारी तो पुराने नोट स्वीकार करने से ही इनकार कर रहे हैं क्योंकि उन्हें नकली होने का डर रहता है। जो नोट फटे हुए, क्षतिग्रस्त या संदिग्ध स्थिति में हैं वे अब किसी भी परिस्थिति में मान्य नहीं होंगे। यदि आपके पास ऐसे नोट हैं तो उन्हें तुरंत बैंक में ले जाएं। बैंक इन पुराने या क्षतिग्रस्त नोटों को जांच के बाद नई करेंसी से बदल देगा लेकिन यह सुविधा तभी मिलेगी जब आप उचित दस्तावेज और पहचान पत्र प्रस्तुत करेंगे।
नकली मुद्रा के खिलाफ सख्त कानून
रिज़र्व बैंक और सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जाली नोट रखना, उपयोग करना या प्रसारित करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। इस अपराध के लिए भारतीय दंड संहिता में कठोर सजा का प्रावधान है। यदि किसी व्यक्ति के पास नकली नोट पाए जाते हैं तो उसे भारी जुर्माना और कई वर्षों की जेल की सजा हो सकती है। यदि आपको कहीं से संदिग्ध नोट मिलता है या आपको लगता है कि कोई नोट नकली हो सकता है तो उसे उपयोग न करें। तुरंत अपने नजदीकी बैंक या पुलिस स्टेशन में जाकर इसकी सूचना दें। बैंकों और एटीएम में अब उन्नत नोट जांच मशीनें लगाई जा रही हैं जो जाली नोटों को तुरंत पहचान लेती हैं।
डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन
इन नए नियमों का एक प्रमुख उद्देश्य देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना भी है। यूपीआई, नेट बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट और डेबिट-क्रेडिट कार्ड के उपयोग को विशेष रूप से प्रमोट किया जा रहा है। डिजिटल भुगतान के अनेक फायदे हैं जैसे यह बेहद तेज और सुविधाजनक है, पूरी तरह सुरक्षित है और हर लेनदेन का डिजिटल रिकॉर्ड बनता है। इससे नकदी चोरी या खोने का खतरा नहीं रहता और कर चोरी, काले धन तथा भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगता है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रस्तुत किया गया है। पांच सौ रुपये के नोटों से संबंधित नवीनतम और आधिकारिक जानकारी के लिए कृपया भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या अपने बैंक से संपर्क करें। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार की त्रुटि या जानकारी में परिवर्तन के लिए उत्तरदायी नहीं हैं।








